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• डेंगू बुखार क्या है? Dengue Infection  डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जो एडीस (Aedes) प्रजाति के मच्छरों से फैलती हैं। आइए जानते हैं डेंगू बुखा...

डेंगू बुखार क्या है? मलेरिया होने पर क्या करें dengue diseas

डेंगू बुखार क्या है?

Dengue Infection 


डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जो एडीस (Aedes) प्रजाति के मच्छरों से फैलती हैं। आइए जानते हैं डेंगू बुखार के लक्षण, कारण और सावधानियों के बारे में



डेंगू फीवर एक वायरस के कारण होता है, जो मच्छरों द्वारा फैलता है। इसे हड्डीतोड़ बुखार (Breakbone fever) aft कहा जाता है, क्योंकि इसमें रोगी को हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है।


सावधानियां और बचाव

• सामान्य रूप से देखे जाने वाले डेंगू के लक्षण -. 

1. शरीर पर लाल निशान पड़ना, जो थोड़े समय बाद ठीक होने के बाद दोबारा वापस भी आ जाते हैं।

2. बहुत तेज सिर दर्द

3. आंखों क और दर्द होना

4. उल्टी आना और चक्कर महसूस होना

यदि आप ऊपर किसी भी लक्षण को देखते हैं तो तुरंत का निर्देशानुसार पालन करें 


डेंगू बुखार कारण और निवारण- 

किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है। जिन बर्तनों का लंबे समय तक उपयोग नहीं हो, उनमें रखे हुए पानी को नियमित रूप से बदलते रहें।


डेंगू मच्छर के काटने से फैलता है, इसलिए मच्छरों बताए गए डेंगू के से बचाव के लिए सबसे पहले तो आप जब भी घर से बाहर निकलें, मच्छरों से बचाव डॉक्टर से संपर्क वाली क्रीम का उपयोग करें करें। साथ ही उपचार और मच्छरदानी भी जरूर लगाएं।

अपने रहने की जगह और अपने आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। अपने आसपास सफाई रखने से मच्छरों को सरलता से दूर रख सकते हैं।



• IMEI नम्बर आपने मोबाइल में 15 अंकों का एक नम्बर देखा होगा, यह IMEI नम्बर होता है। आइए जानें इस नंबर के बारे में- • IMEI नम्बर क्या होता है...

IMEI नम्बर क्या होता है? Full Form IMEI


IMEI नम्बर



आपने मोबाइल में 15 अंकों का एक नम्बर देखा होगा, यह IMEI नम्बर होता है। आइए जानें इस नंबर के बारे में-


IMEI नम्बर क्या होता है?


इसका पूरा नाम अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (International Mobile Equipment Identity) है। ये मोबाइल फोन की एक पहचान संख्या होती है, जो प्रत्येक मोबाइल के लिए अलग होती है।


IMEI नम्बर क्या काम करता है?


∆. यह खास तरह का नम्बर मोबाइल की लोकेशन को बताता है। इसकी मदद से यह जाना जा सकता है कि मोबाइल को उपयोग करने वाला यूजर कहां पर है।

फोन चोरी या गुम होने की स्थिति में इस नम्बर की मदद से ही फोन का पता लगाया जाता है।

∆. iPhone के लेटेस्ट वर्जन और एंड्रॉयड के कुछ वर्जन में IMEI नम्बर इसके बैकपैनल पर लिखा होता है। बस फोन को पलटिए और इसे कहीं लिखकर रख लीजिए। पुराने फोन और कुछ iPhone पर IMEI सिम ट्रे पर प्रिंट रहता है।


IMEI नम्बर का मतलब


∆. 15 अंकों वाले IMEI नम्बर के शुरुआती 8 अंक बताते हैं कि इस मॉडल को कहां बनाया गया है।


∆. यदि किसी को अपने मोबाइल फोन का IMEI नंबर नहीं पता है तो उसे अपने मोबाइल से *#06# डायल करना होता है।


∆. इसके बाद के 6 अंकों में डिवाइस से जुड़ी जानकारी शामिल होती है और आखिरी अंक को मोबाइल के सॉफ्टवेयर के वर्जन के तौर पर बताया जाता है।



∆. IMEI नम्बर से मोबाइल से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं 

🔹 प्रकृति की स्वर रचना   क्या आप कभी कीट संगीतज्ञों से मिले हैं ? यदि नहीं, तो हम आपको निशाचर कोरस के और करीब ले जाएंगे! 🔹 कीड़े क्यों गात...

कीड़े क्यों गाते हैं? How Insects Are Sing !


🔹प्रकृति की स्वर रचना 


  • क्या आप कभी कीट संगीतज्ञों से मिले हैं ? यदि नहीं, तो हम आपको निशाचर कोरस के और करीब ले जाएंगे!



🔹कीड़े क्यों गाते हैं?



कीट एक दूसरे से संवाद के साथ गाते हैं। ज्यादातर मामलों में, मादाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए पुरुष गायन करते हैं। वे अपना बहुत सारा समय और ऊर्जा इसमें लगाते हैं। चूंकि बहुत सारे कीड़े अपने साथियों को बुला रहे है ।


🔹समयबद्ध गायन


सिकाडास आम तौर पर दिन के उजाले में और शाम को कॉल करते हैं, रात में शांत हो जाते हैं। जबकि दिन में टिड्डों की आवाज सुनाई देती है। कई कैटीडिड्स रात में फोन करते हैं।


🔹वे कैसे गाते हैं?

1)

सिकाडस के पास एक विशेष अंग होता है जिसमें दो घुमावदार प्लेटें होती हैं जिन्हें "टिंबल्स" कहा जाता है। यह इन प्लेटों को तेज गति से अंदर और बाहर पॉप करता है, जिससे बहुत तेज आवाज पैदा होती है। प्रत्येक सिकाडा प्रजाति का अपना विशिष्ट भनभनाहट होता है।


2)

कैटीडिड अपने अग्रपंखों को आपस में रगड़ कर आवाज निकालते हैं। यह उस ध्वनि से नाम प्राप्त करता है जो यह बनाता है, यह एक तीन-नोट गीत ध्वनि है जैसे "का-टी-डीड।"



3)

झींगुरों के पिछले पैरों पर रीढ़ होती है, जिससे वे आवाज करने के लिए पेट पर एक कठोर प्लेट के खिलाफ रगड़ते हैं।



4)

टिड्डे अपने पिछले पैरों को अपने पंखों पर रगड़ कर आवाज पैदा करते हैं। कुछ प्रजातियाँ अपने पंख फड़फड़ा कर ऐसा करती हैं। वे अपने मुंह से शोर भी कर सकते हैं, जो बहुत ही शान्त चहकती आवाज है।

जानिए भारतीय मार्शल आर्ट के बारे में जो हथियारों पर केंद्रित है। YB ने 'थांग टा' की जड़ें खोद लीं। थांग टा क्या है? थांग टा पूर्वोत्...

थांग टा क्या है? Thang Ta Kya Hai !


जानिए भारतीय मार्शल आर्ट के बारे में जो हथियारों पर केंद्रित है। YB ने 'थांग टा' की जड़ें खोद लीं।



थांग टा क्या है?


थांग टा पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर की पारंपरिक मार्शल आर्ट है। यह तलवार और भाले की एक कला है जिसमें थांग' का अर्थ तलवार है, और टा' का अर्थ भाला है, क्योंकि ये मुख्य हथियार हैं जिनका उपयोग किया जाता है। थांग-टा का दूसरा नाम सुरक्षा की एक विधि है। इसमें न केवल लड़ने का प्रशिक्षण शामिल है बल्कि भौतिक संस्कृति की एक विस्तृत प्रणाली भी शामिल है जिसमें सांस लेने के तरीके, ध्यान और अनुष्ठान शामिल हैं। यह मणिपुर में उत्पन्न हुआ और पूरे भारत में कई अखाड़ों में प्रचलित है।


प्रतिस्पर्धी पदार्पण




पहली राज्य स्तरीय थांग ता खेल प्रतियोगिता 1987 में इम्फाल के युमनाम हुइड्रोम में आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय स्तर पर थांग टा की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, थांग-टा फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) की स्थापना 1993 में हुई थी, और उसी वर्ष मणिपुर में पहली राष्ट्रीय थांग टा चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। तब से महासंघ ने 17 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।


मान्यता


हाल ही में, भारत सरकार के 'खेलो इंडिया गेम्स' ने अपने फिट इंडिया अभियान में थंग-टा को एक स्वदेशी खेल के रूप में शामिल किया और यह उसके खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। थांग-टा पहली बार हरियाणा के पंचकुला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है।


आप कहां प्रशिक्षित हो सकते हैं?


थांग-टा फेडरेशन ऑफ इंडिया सबसे प्रमुख संस्था है जहां कोई भी थांग-टा पर पेशेवर पाठ्यक्रम ले सकता है। यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त और पंजीकृत संगठन है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। कोई भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी ले सकता है।


X टूरिज्मों नाम की इस उड़ने वाली बाइक को जापान की स्टार्टअप कंपनी AERWINS टेक्नोलॉजी ने बनाया है। इसे होवरबाइक भी कहा जा रहा है। 1) इस बाइक ...

उड़ने वाली बाइक X Tourism द फ्लाइंग बाइक



X टूरिज्मों नाम की इस उड़ने वाली बाइक को जापान की स्टार्टअप कंपनी AERWINS टेक्नोलॉजी ने बनाया है। इसे होवरबाइक भी कहा जा रहा है।

1) इस बाइक को एक बार में करीब 30 से 40 मिनट तक हवा में उड़ा सकेंगे।


फ्लाइंग बाइक X टूरिज्मो



दुनिया में उड़ने वाली बाइक अब रियलिटी बनती जा रही है। हाल ही में अमेरिका के डेट्रॉइट ऑटो शो में फ्लाइंग बाइक ' X टूरिज्मो' नजर आई। आइए जानते हैं, इसकी खासियतों के बारे में स्कर


टेक्नोलॉजीकरीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की टॉप स्पीड वाली यह फ्लाइंग बाइक पेट्रोल से चलती हैं।अभी भी यह बाइक रेड, ब्लू और ब्लैक कलर में उपलब्ध है। उड़ते वक्त बाइक बहुत तेज आवाज करती है।

बाइक की कीमत भारतीय रुपए में लगभग 6.19 करोड़ है। हालांकि इंडिया में अभी यह उपलब्ध नहीं है। इसमें कवासकी हाइब्रिड इंजन लगा है।

फिलहाल यह बाइक जापान में उपलब्ध है। आने वाले समय में यह दूसरे देशों में भी देखी जा सकती है।

1 300 किलो की यह बाइक उड़ने के दौरान करीब 100 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकती है।





'वीज़ा' यह नाम आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं कि वीजा क्या है? यदि आप किसी तरह की विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उसके लि...

वीजा क्या हैं ? What is VISA ? VISA KAISE ISTEMAAL HOTA HAI


'वीज़ा' यह नाम आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं कि वीजा क्या है? यदि आप किसी तरह की विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको वीजा की आवश्यकता होती है। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से

वीज़ा क्या होता है


वीजा एक तरह का ऑफिशियल डॉक्यूमेंट होता है, जो किसी देश द्वारा अन्य देश के व्यक्ति को अपने देश में आने की परमिशन देता है। दूसरे देश जाने के लिए व्यक्ति के पास वीजा होना बहुत जरूरी है।


क्या आप जानते हैं?


दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां भारतीयों को जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है। इनमें फिजी, मॉरीशस, जमैका, मकाऊ, इक्वाडोर, डोमिनिका, भूटान, नेपाल और माइक्रोनेशिया आदि देश शामिल हैं ।


वीज़ा (VISA) का फुलफॉर्म

विजिटर्स इंटरनेशनल स्टे एडमिशन ( Visitors International Stay Admission ) है।



वीज़ा के प्रकार


डिप्लोमैटिक (Diplomatic) वीजा: यह वीजा सिर्फ राजनयिकों के लिए होता है, जिनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, उन्हें ही यह वीजा जारी किया जाता है। यह पासपोर्ट, मैरून रंग का होता है और यह आईएएस, आईपीएस आदि सरकारी विभागों में काम करने वालों के लिए आरक्षित होता है।


इमिग्रेंट वीजा: यह एक प्रवासी (Migrant) वीजा होता है, जिसे इमिग्रेंट वीजा कहा जाता है। इसमें एक व्यक्ति जब दूसरे देश में स्थायी रूप से रहना चाहता है. तब उसे इसकी जरूरत होती है।


ट्रांजिट वीजा: यह वीजा ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों के लिए वैलिड हो सकता है। इस वीजे को उस स्थिति में जारी करते हैं, जब किसी व्यक्ति को किसी अन्य देश से होते हुए दूसरे देश में जाना होता है।

ऑन अराइवल वीजा: कई देश ऐसे हैं, जो वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करते हैं। इसमें व्यक्ति के पास पासपोर्ट होना जरूरी है। उस देश में पहुंचने के बाद यह वीजा दिया जाता है। इसकी वैधता किसी भी देश पर निर्भर करती है।


वर्क वीजा: को प्राप्त कर किसी भी देश वर्क वीजा लेकर में आसानी से घूम-फिर कोई व्यक्ति उस सकते हैं, किन्तु उस देश में देश में कोई भी किसी तरह की व्यापारिक जॉब या काम कर गतिविधियां नहीं कर सकते। सकता है।


बिजनेस वीजा: यह एक व्यापारिक वीजा होता है। यह वीजा प्राप्त कर व्यक्ति उस देश में अपना बिजनेस कर सकता है।


स्टूडेंट वीजाः दूसरे देश में पढ़ाई करने के लिए यह वीजा दिया जाता है। इसके लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान में प्रवेश और वित्तीय सहायता का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है।


 समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? ■ असल में बारिश का पानी हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसो...

समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? Samudra Ka Paani Khara kyun Hai !

 समुद्र का पानी खारा क्यों होता है?





■ असल में बारिश का पानी हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसों के संपर्क में आकर अम्लीय हो जाता है।



■ जब यह पानी धरती पर आता है तो नदी के रास्ते समुद्रों में मिल जाता है। यह प्रक्रिया लाखों- करोड़ों सालों से चली आ रही है। नदियां लगातार प्रवाहित होती रहती हैं, जिस कारण इसका पानी नमकीन नहीं लगता है।



1 सूर्य की गर्मी से समुद्र का पानी तो भाप बनकर वायुमंडल में जाता रहता है, लेकिन नमक वहीं रह जाता है।



■ यह भाप वर्षा के रूप में पुनः धरती पर आ जाती है और अपने साथ फिर से धरती का नमक समुद्र तक ले जाती है। यह क्रिया सदियों से चली आ रही है। यही कारण है कि समुद्र का पानी खारा होता है।