AutorRTJD शांति की प्रतिमा : Statue Of Peace - Incognita Island

● स्टेच्यू ऑफ पीस ~ स्टैच्यू ऑफ पीस  श्री माननीय प्रधानमंत्री जी की अगवाही में राजस्थान पाली जिले के जैतपुरा नामक जगह पर  151 इंच की अष्ट धा...

शांति की प्रतिमा : Statue Of Peace

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स्टेच्यू ऑफ पीस ~

स्टैच्यू ऑफ पीस

 श्री माननीय प्रधानमंत्री जी की अगवाही में राजस्थान पाली जिले के जैतपुरा नामक जगह पर  151 इंच की अष्ट धातु से बनी है यह मूर्ति। इस मूर्ति की धरातल से 27 फीट ऊंचाई है और 1300 किलोग्राम का वजन लिए स्थित है । 16 नवंबर 2021 को श्री माननीय प्रधानमंत्री जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस भव्य मूर्ति का अनावरण किया था । हालाकि ये मूर्ति ' स्टेच्यू ऑफ यूनिटी ' से काफी मिलती जुलती दिखती है मगर ये स्टेच्यू ऑफ यूनिटी ' की तुलना में छोटी है । मगर इसकी बनावट और स्थिति को देख कर पर्यटकों के होश उड़ जाते है । और वर्तमान में ये मूर्ति खूब सुर्खियां बटोर रही है । 


किसकी याद में बनाई गई है  ? 

Statue Of Peace शांति की मिसाल है और हर भारतीय को गर्व करना चाहिए इस अद्भुत स्मारक को देख कर ।

जैन आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर महाराज की 151 वी जयंती पर उनकी याद में इस भव्य मूर्ति का निर्माण किया गया है । आचार्य वल्लभ महाराज जी ने अपने आजीवन कई सारे समाज हितकारी कार्य किए है जिसकी बदौलत आज अनेक संस्थान संचालित है ।


आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर महाराज ~

आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर महाराज

आचार्य जी का जन्म गुजरात के बड़ौदा शहर में 1870 ईसवी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था । इन्होंने भगवान महावीर के  मार्ग पर सादगीपूर्ण और निस्वार्थ भाव से अपना पूरा समर्थन दिया और समाज में जागरूकता का संचार किया । उन्होंने समाज में शांति और श्रीष्टाचार से लोगो को सही मार्गदर्शन दिया । इन्होंने समय आने पर  कई आंदोलन भी किए , जिसमे से उनका  ' स्वदेशी आंदोलन ' मुख्य भूमिका में रहा है । उन्होंने समाजिक बुराइयों को खत्म किया मगर उनका सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर रहा है । 

 ● कृतियां : उन्होंने कई गीत , निबंध , कविता और भक्तिपूर्ण भजन भी लिखे जो आज भी संग्रहित करके रखे हुए है । 

उनकी प्रेरणा से आज कई राज्यों में स्कूल , महाविद्यालय और 50 से भी ज्यादा अध्ययन केंद्र संचालित है ।  इस तरह के  महान विद्वान और नमनीय हस्थी के स्मरण में  स्टेच्यू ऑफ पीस   बनाया जाना निश्चित था । 

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी


भारत में अनेक  इनकी तरह शुरवीरो ने इस मिट्टी के लिए अपना बलिदान दिया है । मगर इतिहास के काले पन्नो में इनकी पहचान छुपी रह गई है और वर्तमान में उनके परिवार की दशा कोई पूछने वाला नहीं है । इस तरह की भूल समाज में निंदनीय का विषय बन जाते है । इनकी प्रतिमा तो नही बना सकते तो इनकी श्रद्धांजलि तो मनाई जानी चाहिए जिससे लोगो को इनके महत्य साहस के बारे में पता चले । इस तरह लोगो में एक प्रेरणा आयेगी जो की समाज में एक बेहतर पहल की नीव डालती है । अगर आपके आस-पास भी कुछ इस तरह के भूले - भीसरे शहीद है तो उनके बारे में जानकारी एकत्रित करके उनका जीवन - परिचय लिखिए और सोशल मीडिया के द्वारा लोगो तक पहचाए । समाज को मार्गदर्शन दिखाने वाले को समाज कभी नही भूलना चाहिए , लोग उनके आदर्शो को भूल रहे है । जब तक हम खुदमे वो बदलाव नहीं लाएंगे समाज में कोई बदलाव नहीं आएगा । 



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