AutorRTJD द अनसिंकबल टाइटैनिक : Machination Of Titanic - Incognita Island

● वीश्व विख्यात टाइटैनिक  19 वी शताब्दी में टाइटैनिक पूरे वीश्व का सबसे विशाल और प्रसिद्ध जल जहाज माना जाता था । उस समय इसकी इस वीश्व प्रसिद...

द अनसिंकबल टाइटैनिक : Machination Of Titanic

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वीश्व विख्यात टाइटैनिक 


19वी शताब्दी में टाइटैनिक पूरे वीश्व का सबसे विशाल और प्रसिद्ध जल जहाज माना जाता था । उस समय इसकी इस वीश्व प्रसिद्धि इसकी अद्धभुत विशेषताओं से थी । सर्वप्रथम  इस जहाज को  ' द अनसिंकबल ' ( जो कभी डूब नहीं सकता ) की संज्ञा दी गई थी । इस जहाज पर कुल 3549 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते थे और 64 लाइफ सपोर्ट बॉट रखने की व्यवस्था थी जो उस समय मे अपने आप मे एक बड़ी उपलब्धि थी । इस जहाज का आधिकारिक नाम - रॉयल मेल स्टीमर ( Royal Mail Steamer ) था । जिसका मतलब होता था भाप पर चलने वाले पात्र और उस समय इस नाम के 200 जहाजो का यही नाम दिया गया था जो मेल का सवंहन करते थे । रॉयल मेल स्टीमर RMS जिसका संशिप्त नाम है उस समय पत्र वाहन का कार्य करते थे । और टाइटैनिक भी उसी उदेश्य से बनाया गया उस समय का सबसे विशाल जहाज था टाइटैनिक का अर्थ भी ' Giant  या विशाल ' होता है । टाइटैनिक पर कुल 3500 पत्र , लिफ़ाफ़े और कागजात भेजे जाते थे । अगर आपने पिक्चर में टाइटैनिक की छवी देखी होंगी तो आपने गौर किया होंगा इसके ऊपर चार चिमनिया होती है । कहा जाता है इनमे से केवल तीन ही चिमनिया काम करती थी चौथी चिमनी जहाज की शोभा बढ़ाने के लिए लगाई गई थी ।

उस समय टाइटैनिक को बनाने की कुल लागत 7 करोड़ 50 लाख डॉलर थी जो आज की तारीख में 20 करोड़ डॉलर के बराबर आकि जाती है । इस विशाल जहाज के मुख्य लंगर को ऊपर उठाने के लिए लगभग 20 घोड़ो की आवश्यकता पड़ती थी उस वक्त जिसका वजन 16 टन अर्थात 16 हजार किलोग्राम होता है 


● टाइटैनिक से जुड़ी जानकारियां -



★ निर्माता -       हरलैंड और वोल्फ 

★ कप्तान -       कैप. एडवर्ड जे स्मिथ 

★ मालिक -       जे . ब्रूस स्मेय 

★ प्रमोचन -       31 मई 1911 , 31 मार्च 1912 ( सम्पूर्ण ) 

★ लंबाई -         882 फ़ीट 

★ उचाई -         53.3 मीटर 

★ स्थान -          इंग्लैण्ड 



 ● कैसे डूबा टाइटैनिक जहाज 


सन 1912 को 10 अप्रैल की सुबह को टाइटैनिक जहाज 2,223 यात्रियों को लेकर आयरलैंड के बेलफ़ास्ट से रवाना हुआ था ।  RMS के लांच को देखने के लिए फेल्फास्ट की जनता में होड़ मच गई थी , लगभग एक लाख लोग उपस्थित थे उस दौरान । टाइटैनिक न्यूयॉर्क शहर की यात्रा में अपने 4 दिन का सफर तय करने के बाद 14 अप्रैल को रात के 2 बजकर 20 मिनट पर एक हिमखण्ड ( Iceberg ) से टकराकर समुद्र में जलसमाधि ले ली थी । इस घटना का प्रकाशन एक अंग्रेजी अखबार ' द लंदन मेल ( The London Mail ) ' में हुआ था जिसका शीर्षक  ' Titanic Sunk , No Lives Lost ' था । उस वक्त ये त्रासदी उस समय तक कि सबसे विचित्र और बड़ी समुद्रीय घटना थी । इस खबर ने लोगो मे अशांति और खल बलि मचा दी थी । पूरा वीश्व इस कभी न डूबने वाले जहाज का इस तरह डूब जाना हजम नही हो रहा था । हालांकि कुल 706 यात्रियों को सकुशल बचा लिया गया था मगर लोगो ने सवाल उठाने शुरू कर दिए थे । जहाज के डूब जाने का मुख्य कारण तो टाइटैनिक की तेज रफ़्तार बताई गई मगर इसके अलावा भी कई पहलू थे जिनको लोगो से छुपाकर रखे गए । जहाज के डूबने के वक्त समुद्र के पानी का तापमान -4℃ था जो एक बर्फ जमने के तापमान से दो गुना अधिक था । 


फिर 18 नवंबर 1997 को जेम्स कैमरॉन  निर्देशन में बनी  फ़िल्म " टाइटैनिक " सिनेमाघरों में आई । हैरानी की बात थी इस मूवी को प्रोड्यूस भी जेम्स कैमरॉन ने किया और 200 मिलियन डॉलर की बड़े बजट में बनाई गई थी । और फ़िल्म ने सिनेमाघरो में गोल्डन जुबली खेली भी और उस वक्त फ़िल्म इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ कर 2.2 अरब डॉलर की कमाई की थी । इस मूवी ने लोगो को काफी प्रभावित किया और इसके डूबने के कारण को स्पष्ट किया । जेम्स कैमरॉन ने फ़िल्म में उपयोग होने वाले अभिनेत्री ' कैट विंस्लेट ' की स्केटचेस खुद बनाई थी । 


षड्यंत्र या संयोग ?  


तमाम पहलुओं और अवलोकन के खोजबीन करने के बाद इस पूरी घटना को एक आक्समिक दुर्घटना का नाम दे दिया गया । मगर इस तथ्य से कुछ लोगो ने आपत्ति जताई और इस पूरी घटना को एक योजना के तहत रची साजिश बताया मगर कुछ संस्थाओ और इंग्लैंड की सरकार ने इन बातों को बेबुनियाद कह कर अपने पैरों के तले दबा दिया । त्रासदी के 70 साल से अधिक के समय के बाद एक रोबोट सबमरीन की सहायता से इसके अवशेषों को ढूंढ लिया गया । RMS के अवशेषों को समुद्र की 8.5 मिल की गहराई में ढूंढ़ा गया था ।  टाइटैनिक जिस हिमखण्ड से टकराया था वो धरातल से 100 फ़ीट ऊँचा और 200 से 300 फ़ीट गहरा था और हैरानी की बात ये है कि इस हिमखण्ड का जहाज के आगे खड़े होने की भनक कैप्टेन को महज 37 सेकण्ड्स पहले ही हुई थी । और टाइटैनिक पर कुल 64 लाइफ सपोर्ट बॉट रखी जा सकती थी तो दुर्घटना के समय केवल 19 ही बॉट उपलब्ध थे । जिस वक्त जहाज डूब रहा था उस समय तापमान -4℃ हो गया था ऐसी स्थिति में किसी भी साधारण मनुष्य का 20 मिनट से अधिक जीवित रहना असंभव है । जेम्स कैमरॉन द्वारा बनाई गई फ़िल्म की कमाई से टाइटैनिक जैसे 11 जहाज बनाये जा सकते थे अब आप समझ सकते है मेरा इशारा क्या है । 


सबसे बड़ा इत्तेफाक और सयोंग तो तब होता है जब ये पता चलता है कि टाइटैनिक के डूबने के ठीक 14 वर्ष पहले एक उपन्यास प्रकशित हुआ था जिसका शीर्षक था " द रैक ऑफ टाइटन ओर फ़्यूटीलिटी " जिसके लेखक थे ' मॉर्गन रॉबर्टसन '। जो उस उपन्यास में घटित होता है वैसा ही टाइटैनिक के साथ भी हुआ काफी समानताये थी दोनो में । ऐसा लगता है जैसे उपन्यास की स्क्रिप्ट के आधार पर यह सारा षड्यंत्र रचा जा रहा था । उपन्यास की कथा में भी टाइटन नामक जहाज की टक्कर एक हिमखण्ड से होती है ताजुब की बात तो ये की टाइटैनिक जिस उत्तरी अटलांटिक समुद्र से न्यूफॉउंडलैंड से ठीक 400 नॉटिकल मिल दूर हिमखण्ड से टकराया था यह कथा वाला ही हिमखण्ड था , जिसकी पुष्टि बादमे कर दी गई है । RMS की गति 22.5 नॉटिकल मिल थी वही टाइटन की 25 नॉटिकल मिल थी । टाइटैनिक में 2,223 यात्री सफर कर रहे थे और टाइटन में 2200 यात्री  और ये दोनों जहाज ब्रिटैन के ही थे । दोनो में जहाज डूबने के समय आधी रात का था और लाइफ सपोर्ट बॉट का अभाव था । टाइटन पर 25 लाइफ सुपोर्ट बॉट मौजूद थे तो टाइटैनिक पर 19 बॉट थे । इतनी सारी समानतायें सयोंग से तो नही हो रही थी कुछ न कुछ तो रहस्य था । टाइटैनिक , टाइटन और इसके सदस्यो के बीच कोई कनेक्शन था जिसका पता सबको था मगर कोई बयान ना कर सका । 


इस बात को जिसने भी लोगो तक पहचानी चाही वो किसी न किसी दबाव में पीछे हट गया । लोगो को अब भी यह एक घटना ही लगती है मगर आज भी कई खोजकर्ताओं में मतभेद है टाइटैनिक को लेकर । कुछ बचे यात्रियों का कहना था कि टाइटैनिक पर जहाज डूबने के 3 दिन पहले ही आग लगी हुई थी जिसकी खबर कैप्टेन और कुछ सदस्यों को पहले से थी । इस रहस्यमय जहाज के अवशेष को आज भी समुद्र में से नही निकाला गया है , इसके पीछे का काला सच आज तक किसी को पता नही चल पाया । 

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