AutorRTJD पेलिकन Lambi Chonche Vaala Bird - Incognita Island

 आज तक आपने कितने पक्षि देखे होंगे ? अनगिनत , जिसकी कोई गिनती नहीं है न ? चाहे वो आसमान में उड़ने वाले पक्षी हो या पालतू पक्षी या फिर जंगल औ...

पेलिकन Lambi Chonche Vaala Bird

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 आज तक आपने कितने पक्षि देखे होंगे ? अनगिनत , जिसकी कोई गिनती नहीं है न ? चाहे वो आसमान में उड़ने वाले पक्षी हो या पालतू पक्षी या फिर जंगल और चिड़ियाघर वाले होंगे ! कोई पक्षी उसके मधुर आवाज से आपको मनमोहित किया होगा तो कईयो ने अपनी तेज उड़ान के कारण हैरान किया होगा या फिर किसी पक्षी की मासूमियत ने आपको पागल किया होगा । मगर आज हम जिस पक्षी की बात करने वाले है वो इन सबसे अलग और हटके है थोड़ा । जो अपनी लंबी चोंच के चलते दुनिया भर में चर्चित है । इसको आपने कई दफा दे


खा भी होंगा मगर आपको उस वक्त इसका नाम नही पता होंगा या याद नही आ रहा होंगा । मगर आज इसके बारे में पढ़ने के बाद आप इसे जहा भी देखेंगे तो समझ जायेंगे यह वही पक्षी है । यह पेलीकन ( Pelican )  पक्षी है जो बगुले और बतख का मिलता - जुलता स्वरूप है । आप इसे पानी में डुबकियां लगाते या किनारे पर गोते लगाते देख सकते है । पेलिकन कई रंगों में पाए जाते है पर सफेद और गुलाबी रंगो में इनको ज्यादातर देखा जाता है । ये आमतौर पर पानी की किनारे तिनके या मिट्टी के घोंसले बनकर रहते है । यह एक प्रवासी पक्षी है जो साइबेरिया और यूरोप से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर भारत में आते है । पेलिकन पक्षी मुख्यताः भारत के पश्चिमी क्षेत्र में निवास करते है , गुजरात और महाराष्ट्र की सीमाओं पर इनको भरी संख्या में देखा जा सकता है । नवंबर से दिसम्बर तक इनका आगमन भारत में शुरू हो जाता है । ये हमेशा झुंड में ही रहना पसंद करते है जिस वजह से इनके घोसलो की संख्या बड़े तादाद में एक साथ होती है ।

  मादा पेलिकन 2 से 3 अंडे देती है और इनके चूजों का पालन - पोषण दोनो पक्षी मिलकर करते है । इनके घोंसले जमीन पर घास और मिट्टी में होने कारण जंगली जानवरों से खतरा बना रहता है , कई बार इनके अंडो को कुत्ते और लोमड़ी जेसे जानवर खा भी जाते है । नर पेलिकन का ओसत वजन 9 से 12  किलो ग्राम के बीच होता है इतने भारी भरकम पक्षी होने के बावजूद इनकी उड़ने की रफ्तार बहुत ही तेज होती है । इसके अलावा इन पक्षियों को समद्रीय पक्षियों में सबसे विशाल पक्षियों का दर्जा भी दिया गया है । पेलिकन पक्षियों को अक्सर साफ वातावरण में देखा गया है इसलिए इनको इतना ज्यादा लोग भी पसंद करते है । इनको भी आम मनुष्य को तरह गन्दगी और प्रदूषण बिलकुल भी पसंद नही है । पेलिकन पक्षियों का शिकार झीलों और नदियों , तालाब में रहने वाली मछलियां होती है । ये अपनी लंबी तिकोनी चोंच से पानी को चीरते हुए अपना शिकार करती है और ये नजरा देख हर कोई इस पक्षी की चतुराई की वाह - वाही करने लगता है ।

इनकी एक मुख्य विशेषता होती है , आपने रेगिस्तान के ऊट के बारे में सुना होंगा जो अपने कुब्बड़ लंबे समय तक पानी संचय करके रखता है । उसी तरह पेलिकन के गले में एक थेलीनुमा अवस्था होती है जहा ये पर्याप्त मात्रा में पानी और भोजन को संचित करके रखा लेते है और लंबे समय तक जमीन पर उतरे बिना अपना सफर जारी रखते है मगर भारत की नदियों और झीलों में बढ़ती गन्दगी और प्रदूषित जल के कारण पेलीकन पक्षियों का भारत में आवास घटता जा रहा है और धीरे - धीरे इनकी आबादी में भी गिरावट हो रही है । एक समय ऐसा आएगा जब ये पूर्ण तरह से भारत में आना बंद हो जाएंगे और तब हमें पेलिकन पक्षी भी देखने को नहीं मिलेगा । चाहे वो कोई सा भी पक्षी हो मगर हमें इनको सुरक्षित रखने का कर्तव्य है । ये हमारी जैव - विविधता जेसी प्रकरण में अपनी सहभागिता देते है और कुदरत के नियम का पालन करते है । मगर कही न कही मानव कुदरत के नियम का पालन न करके इसके खिलाफ जा रहा है ।

हालही ही में 5G नेटवर्क लाने के लालच में रेडियो फ्रेकेवंसी तरंगों को पैदा करके कई पक्षियों की बलि दे रहा है । मगर अच्छी बात ये रही कि अभी भी कुछ लोगो में इंसानियत बची है जिन्होंने इस कृतघ्न के खिलाफ होकर पक्षियों के प्रति अपने प्रेम को दिखाया है । आप भी आपके आस पास पक्षियों को मारने और क्षति पहचाने वाले का विरोध कीजिए । और जरूरत पड़ने पर वन्य जीव बचाव दल को संपर्क कर अपना दायित्व दे ।





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