AutorRTJD नवंबर 2022 - Incognita Island

🔹 प्रकृति की स्वर रचना   क्या आप कभी कीट संगीतज्ञों से मिले हैं ? यदि नहीं, तो हम आपको निशाचर कोरस के और करीब ले जाएंगे! 🔹 कीड़े क्यों गात...


🔹प्रकृति की स्वर रचना 


  • क्या आप कभी कीट संगीतज्ञों से मिले हैं ? यदि नहीं, तो हम आपको निशाचर कोरस के और करीब ले जाएंगे!



🔹कीड़े क्यों गाते हैं?



कीट एक दूसरे से संवाद के साथ गाते हैं। ज्यादातर मामलों में, मादाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए पुरुष गायन करते हैं। वे अपना बहुत सारा समय और ऊर्जा इसमें लगाते हैं। चूंकि बहुत सारे कीड़े अपने साथियों को बुला रहे है ।


🔹समयबद्ध गायन


सिकाडास आम तौर पर दिन के उजाले में और शाम को कॉल करते हैं, रात में शांत हो जाते हैं। जबकि दिन में टिड्डों की आवाज सुनाई देती है। कई कैटीडिड्स रात में फोन करते हैं।


🔹वे कैसे गाते हैं?

1)

सिकाडस के पास एक विशेष अंग होता है जिसमें दो घुमावदार प्लेटें होती हैं जिन्हें "टिंबल्स" कहा जाता है। यह इन प्लेटों को तेज गति से अंदर और बाहर पॉप करता है, जिससे बहुत तेज आवाज पैदा होती है। प्रत्येक सिकाडा प्रजाति का अपना विशिष्ट भनभनाहट होता है।


2)

कैटीडिड अपने अग्रपंखों को आपस में रगड़ कर आवाज निकालते हैं। यह उस ध्वनि से नाम प्राप्त करता है जो यह बनाता है, यह एक तीन-नोट गीत ध्वनि है जैसे "का-टी-डीड।"



3)

झींगुरों के पिछले पैरों पर रीढ़ होती है, जिससे वे आवाज करने के लिए पेट पर एक कठोर प्लेट के खिलाफ रगड़ते हैं।



4)

टिड्डे अपने पिछले पैरों को अपने पंखों पर रगड़ कर आवाज पैदा करते हैं। कुछ प्रजातियाँ अपने पंख फड़फड़ा कर ऐसा करती हैं। वे अपने मुंह से शोर भी कर सकते हैं, जो बहुत ही शान्त चहकती आवाज है।

जानिए भारतीय मार्शल आर्ट के बारे में जो हथियारों पर केंद्रित है। YB ने 'थांग टा' की जड़ें खोद लीं। थांग टा क्या है? थांग टा पूर्वोत्...


जानिए भारतीय मार्शल आर्ट के बारे में जो हथियारों पर केंद्रित है। YB ने 'थांग टा' की जड़ें खोद लीं।



थांग टा क्या है?


थांग टा पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर की पारंपरिक मार्शल आर्ट है। यह तलवार और भाले की एक कला है जिसमें थांग' का अर्थ तलवार है, और टा' का अर्थ भाला है, क्योंकि ये मुख्य हथियार हैं जिनका उपयोग किया जाता है। थांग-टा का दूसरा नाम सुरक्षा की एक विधि है। इसमें न केवल लड़ने का प्रशिक्षण शामिल है बल्कि भौतिक संस्कृति की एक विस्तृत प्रणाली भी शामिल है जिसमें सांस लेने के तरीके, ध्यान और अनुष्ठान शामिल हैं। यह मणिपुर में उत्पन्न हुआ और पूरे भारत में कई अखाड़ों में प्रचलित है।


प्रतिस्पर्धी पदार्पण




पहली राज्य स्तरीय थांग ता खेल प्रतियोगिता 1987 में इम्फाल के युमनाम हुइड्रोम में आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय स्तर पर थांग टा की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, थांग-टा फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) की स्थापना 1993 में हुई थी, और उसी वर्ष मणिपुर में पहली राष्ट्रीय थांग टा चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। तब से महासंघ ने 17 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है।


मान्यता


हाल ही में, भारत सरकार के 'खेलो इंडिया गेम्स' ने अपने फिट इंडिया अभियान में थंग-टा को एक स्वदेशी खेल के रूप में शामिल किया और यह उसके खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। थांग-टा पहली बार हरियाणा के पंचकुला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है।


आप कहां प्रशिक्षित हो सकते हैं?


थांग-टा फेडरेशन ऑफ इंडिया सबसे प्रमुख संस्था है जहां कोई भी थांग-टा पर पेशेवर पाठ्यक्रम ले सकता है। यह एक सरकारी मान्यता प्राप्त और पंजीकृत संगठन है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। कोई भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) से व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी ले सकता है।


X टूरिज्मों नाम की इस उड़ने वाली बाइक को जापान की स्टार्टअप कंपनी AERWINS टेक्नोलॉजी ने बनाया है। इसे होवरबाइक भी कहा जा रहा है। 1) इस बाइक ...



X टूरिज्मों नाम की इस उड़ने वाली बाइक को जापान की स्टार्टअप कंपनी AERWINS टेक्नोलॉजी ने बनाया है। इसे होवरबाइक भी कहा जा रहा है।

1) इस बाइक को एक बार में करीब 30 से 40 मिनट तक हवा में उड़ा सकेंगे।


फ्लाइंग बाइक X टूरिज्मो



दुनिया में उड़ने वाली बाइक अब रियलिटी बनती जा रही है। हाल ही में अमेरिका के डेट्रॉइट ऑटो शो में फ्लाइंग बाइक ' X टूरिज्मो' नजर आई। आइए जानते हैं, इसकी खासियतों के बारे में स्कर


टेक्नोलॉजीकरीब 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की टॉप स्पीड वाली यह फ्लाइंग बाइक पेट्रोल से चलती हैं।अभी भी यह बाइक रेड, ब्लू और ब्लैक कलर में उपलब्ध है। उड़ते वक्त बाइक बहुत तेज आवाज करती है।

बाइक की कीमत भारतीय रुपए में लगभग 6.19 करोड़ है। हालांकि इंडिया में अभी यह उपलब्ध नहीं है। इसमें कवासकी हाइब्रिड इंजन लगा है।

फिलहाल यह बाइक जापान में उपलब्ध है। आने वाले समय में यह दूसरे देशों में भी देखी जा सकती है।

1 300 किलो की यह बाइक उड़ने के दौरान करीब 100 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकती है।





'वीज़ा' यह नाम आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं कि वीजा क्या है? यदि आप किसी तरह की विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उसके लि...


'वीज़ा' यह नाम आपने जरूर सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं कि वीजा क्या है? यदि आप किसी तरह की विदेश यात्रा करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको वीजा की आवश्यकता होती है। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से

वीज़ा क्या होता है


वीजा एक तरह का ऑफिशियल डॉक्यूमेंट होता है, जो किसी देश द्वारा अन्य देश के व्यक्ति को अपने देश में आने की परमिशन देता है। दूसरे देश जाने के लिए व्यक्ति के पास वीजा होना बहुत जरूरी है।


क्या आप जानते हैं?


दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां भारतीयों को जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है। इनमें फिजी, मॉरीशस, जमैका, मकाऊ, इक्वाडोर, डोमिनिका, भूटान, नेपाल और माइक्रोनेशिया आदि देश शामिल हैं ।


वीज़ा (VISA) का फुलफॉर्म

विजिटर्स इंटरनेशनल स्टे एडमिशन ( Visitors International Stay Admission ) है।



वीज़ा के प्रकार


डिप्लोमैटिक (Diplomatic) वीजा: यह वीजा सिर्फ राजनयिकों के लिए होता है, जिनके पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, उन्हें ही यह वीजा जारी किया जाता है। यह पासपोर्ट, मैरून रंग का होता है और यह आईएएस, आईपीएस आदि सरकारी विभागों में काम करने वालों के लिए आरक्षित होता है।


इमिग्रेंट वीजा: यह एक प्रवासी (Migrant) वीजा होता है, जिसे इमिग्रेंट वीजा कहा जाता है। इसमें एक व्यक्ति जब दूसरे देश में स्थायी रूप से रहना चाहता है. तब उसे इसकी जरूरत होती है।


ट्रांजिट वीजा: यह वीजा ज्यादा से ज्यादा 15 दिनों के लिए वैलिड हो सकता है। इस वीजे को उस स्थिति में जारी करते हैं, जब किसी व्यक्ति को किसी अन्य देश से होते हुए दूसरे देश में जाना होता है।

ऑन अराइवल वीजा: कई देश ऐसे हैं, जो वीजा ऑन अराइवल की सुविधा प्रदान करते हैं। इसमें व्यक्ति के पास पासपोर्ट होना जरूरी है। उस देश में पहुंचने के बाद यह वीजा दिया जाता है। इसकी वैधता किसी भी देश पर निर्भर करती है।


वर्क वीजा: को प्राप्त कर किसी भी देश वर्क वीजा लेकर में आसानी से घूम-फिर कोई व्यक्ति उस सकते हैं, किन्तु उस देश में देश में कोई भी किसी तरह की व्यापारिक जॉब या काम कर गतिविधियां नहीं कर सकते। सकता है।


बिजनेस वीजा: यह एक व्यापारिक वीजा होता है। यह वीजा प्राप्त कर व्यक्ति उस देश में अपना बिजनेस कर सकता है।


स्टूडेंट वीजाः दूसरे देश में पढ़ाई करने के लिए यह वीजा दिया जाता है। इसके लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान में प्रवेश और वित्तीय सहायता का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है।


 समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? ■ असल में बारिश का पानी हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसो...

 समुद्र का पानी खारा क्यों होता है?





■ असल में बारिश का पानी हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसों के संपर्क में आकर अम्लीय हो जाता है।



■ जब यह पानी धरती पर आता है तो नदी के रास्ते समुद्रों में मिल जाता है। यह प्रक्रिया लाखों- करोड़ों सालों से चली आ रही है। नदियां लगातार प्रवाहित होती रहती हैं, जिस कारण इसका पानी नमकीन नहीं लगता है।



1 सूर्य की गर्मी से समुद्र का पानी तो भाप बनकर वायुमंडल में जाता रहता है, लेकिन नमक वहीं रह जाता है।



■ यह भाप वर्षा के रूप में पुनः धरती पर आ जाती है और अपने साथ फिर से धरती का नमक समुद्र तक ले जाती है। यह क्रिया सदियों से चली आ रही है। यही कारण है कि समुद्र का पानी खारा होता है।

काजीरंगा नेशनल पार्क  राष्ट्रीय उद्यान  हर बार की तरह इस बार फिर आपके लिए भारत की ऐतिहासिक धरोहर की इस श्रेणी में एक और नेशनल पार्क पेश करते...


काजीरंगा नेशनल पार्क 

राष्ट्रीय उद्यान 


हर बार की तरह इस बार फिर आपके लिए भारत की ऐतिहासिक धरोहर की इस श्रेणी में एक और नेशनल पार्क पेश करते है इस बार फोकस करते हैं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पर-


काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान को युनेस्को ने वर्ष 1985 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया था।

भारत में पाई जाने वाली कपि की एकमात्र प्रजाति लॉक गिब्बन भी यहां पाई जाती है। साथ ही भारतीय हाथी, गौर, सांभर, स्लॉथ बियर आदि प्राणी भी देखे जा सकते हैं।


काजीरंगा नेशनल पार्क को वर्ष 1974 में भारत में असम के राष्ट्रीय उद्यान गोलाघाट और नागांव घोषित किया क्षेत्रों में स्थित है। गया था।


काजीरंगा उद्यान एक सींग वाले भारतीय गैंडों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

मुख्य आकर्षक जानवर 


यहां बाघ भी पाए जाते हैं। साथ ही रॉयल बंगाल टाइगर्स और अफ्रीकी तेंदुए जैसी बड़ी बिल्लियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं ।

यह असम का सबसे पुराना उद्यान है, जो करीब 430 वर्ग किलोमीटर मैं फैला हुआ है।


  हम इस कॉलम में हर बार आपके लिए लेकर आते हैं पानी के अंदर पाए जाने वाले अजब अनोखे प्राणीयों के बारे में जानकारियां तो इस बार जानिए स्टिंग्र...

 हम इस कॉलम में हर बार आपके लिए लेकर आते हैं पानी के अंदर पाए जाने वाले अजब अनोखे प्राणीयों के बारे में जानकारियां तो इस बार जानिए स्टिंग्रे मछली के बारे में....

Stingray Fish 


इस मछली की पूंछ में जहर होता है और यह लगभग 8 इंच लंबी होती है। स्टिंग्रे जब डर महसूस करती है तो इनकी पूंछ भाले जैसी सख्त हो जाती है। इस स्थिति में जहर से भरी यह पूंछ किसी के लिए भी घातक हो सकती है । ये मछलियां अंडे नहीं देतीं, बल्कि एक बार में 2 से 6 बच्चों को जन्म देती हैं।

🔺इस मछ्ली से जुड़े रोचक तथ्य : - 

स्टिंग्रे एक समुद्री मछली है, जो शार्क प्रजाति से संबंधित कार्टिलाजिनस (Cartilaginous) मछली है।

स्टिंग्रे समुद्र के तल में रेत के अंदर छिपकर रहती हैं। इनका पतला शरीर छिपने में बहुत सहायक होता है।

पूरी दुनिया में इनकी करीब 200 प्रजातियां मौजूद हैं।





इनके शरीर में कंकाल (skeleton) नहीं होता, एक रीढ़ की हड्डी होती है जो पूंछ तक होती है।

इनका जीवनकाल लगभग 15 से 20 साल का होता है।

◾डिस्क के आकार के समतल शरीर के साथ इनकी पतली पूंछ होती है।

वयस्क स्टिंग्रे मछली का वजन लगभग 350 किलो तक होता है। यह करीब 6.5 फीट तक लंबे हो सकते हैं।

इनका मुह, नाक और गलफड़े बहुत छोटे होते हैं और शरीर के नीचे की तरफ होते हैं।

स्टिंग्रे के समूह को अंग्रेजी में फेवर (Fever) कहा जाता है।

स्टिंग्रे मछली की कुछ प्रजातियों की पूंछ में कांटे होते हैं, जिससे वे शिकार पर ◾हमला करते हैं।

◾ये अपनी पूंछ से डंक मारकर शिकार में जहर डाल देती है, जिससे शिकार को लकवा मार जाता है और वह उसे निगल लेती है।



कभी खाना तीखा हो जाता हैं तो उसे खाकर आपका मुंह जलने लगता है और नाक से पानी बहने लगता हैं। आज के इस पोस्ट में हम इसी पहलु की विज्ञान समझेंगे...


कभी खाना तीखा हो जाता हैं तो उसे खाकर आपका मुंह जलने लगता है और नाक से पानी बहने लगता हैं। आज के इस पोस्ट में हम इसी पहलु की विज्ञान समझेंगे।

तीखा खाने से नाक क्यों बहने लगती है?



दरअसल तीखे भोजन में कैप्साइसिन ( Capsaicin ) नाम का एक कंपाउड होता है, जो आमतौर पर उन पौधों में पाया जाता हैं, जो जीनस कैप्सिकम फैमिली के होते हैं।

यह कंपाउंड हर तीखे इस जलन के कारण मसालों में पाया जाता शरीर में म्यूकस (बलगम) है। इस कैप्साइसिन बढ़ने लगता है। बॉडी कैमिकल के कारण इस म्यूकस को नाक के जीभ, कान और नाक में माध्यम से बाहर निकालने जलन होने लगती है। लगती है, जिस वजह से नाक से पानी आना शुरू हो जाता है।



नासा द्वारा ली गई इमेज  हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपनी 'आइजन द सोलर सिस्टम' (Eyes on the Solar System)वेबसाइट को अपडेट...

नासा द्वारा ली गई इमेज 


हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपनी 'आइजन द सोलर सिस्टम' (Eyes on the Solar System)वेबसाइट को अपडेट किया है। आइए जानते हैं इसके बारे में

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी यह वेबसाइट अंतरिक्ष और कैलटेक में विजुलाइजेशन में दिलचस्पी रखने वाले टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन एंड लोगों को 'ब्रह्मांड और डेवलपमेंट टीम ने यह सिस्टम उसकी खोज करने वाले ' • विकसित किया है और इसे डेवलप अंतरिक्ष से रिलेटेड चीजों करने में लगभग दो साल से अधिक को एक्सप्लोर करने में का समय लगा है। मदद करता है।


वेबसाइट पर आने वाले यह अपडेट बेहतर कंट्रोल विजिटर्स साल 1950 से 2050 और नेविगेशन के साथ पृथ्वी, तक ग्रहों, उनके चंद्रमाओं, सौर मंडल, क्षुद्रग्रह इत्यादि क्षुद्रग्रह (Asteroid), धूमकेतुओं के बारे में अच्छा और रोचक और अंतरिक्ष यान आदि का पता जानकारियों को जानने का लगा सकते हैं। अवसर प्रदान करता है।


यह अनूठी 3D वेबसाइट सौर मंडल के अतीत, वर्तमान और भविष्य के रीयल-टाइम 3D डेटा विजुअल के द्वारा पेश करती है। यह अद्भुत 3D व्यू में सितारों को हाइलाइट करती है और उनके चारों ओर के एक्सोप्लैनेट का पता लगाने में भी मदद करती है।




ऋषि सुनक कॉन हैं? भारतवंशी ऋषि सुनक इसी साल 24 अक्टूबर को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं। इतने महत्वपूर्ण पद पर वे कैसे पहुंचे और कैसा र...

ऋषि सुनक कॉन हैं?
भारतवंशी ऋषि सुनक इसी साल 24 अक्टूबर को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं। इतने महत्वपूर्ण पद पर वे कैसे पहुंचे और कैसा रहा उनका अब तक का जीवन. आइए नजर डालते हैं-
ऋषि सुनक 


ऋषि सुनक 2015 से रिचमंड (यॉर्क) के लिए संसद सदस्य (सांसद) हैं। 2019 से 2020 तक हैं ऋषि ट्रेजरी के मुख्य सचिव तथा 2020 से 2022 तक राजकोष के चांसलर रहे। अक्टूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में वे कार्यरत हैं ।

जन्म: 12 मई 1980 साउथैम्प्टन, इंग्लैंड

ऋषि सुनक के पिता का नाम यशवीर और माता का नाम उषा सुनक है। उनके माता-पिता पंजाब के रहने वाले थे, जो विदेश में (पूर्व अफ्रीका में) जाकर बस गए। 90 के दशक में वे पूर्व अफ्रीका से इंग्लैंड आ गए। ऋषि तीन भाई- बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी भी पंजाब प्रांत के रहने वाले थे और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से अपने बच्चों के साथ यूके चले गए थे।

शिक्षा



ऋषि ने अपनी पढ़ाई विनचेस्टर कॉलेज से की। उन्होंने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई लिंकन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में पूरी की। इसके बाद वर्ष 2006 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से उन्होंने एमबीए की डिग्री प्राप्त की।
परिवार

ऋषि भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद हैं। उनकी बेटी अक्षता मूर्ति से उनका विवाह हुआ तथा उनकी दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं।

राजनीतिक जीवन

यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद ऋषि सुनक 2015 में पहली बार संसद पहुंचे थे। उस समय ब्रेग्जिट का समर्थन करने के कारण पार्टी में उनका कद टी में उनका लगातार बढ़ता चला गया।

सुनक ने तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे की सरकार के संसदीय अवर सचिव के रूप में कार्य किया। थेरेसा मे के इस्तीफा देने के बाद सुनक ने बोरिस जॉनसन के कंजर्वेटिव नेता बनने के अभियान का समर्थन किया। जॉनसन ने प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद सुनक को ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। चांसलर के रूप में सुनक ने यूनाइटेड किंगडम में COVID-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के मद्देनजर सरकार की आर्थिक नीति पर प्रमुखता से काम किया।


सुनक जी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य 



1) ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्स ने 20 अक्टूबर को इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। लिज केवल 45 दिन पद पर रहीं। किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह सबसे कम कार्यकाल है।

सुनक को चुनौती देने वाली पेनी मॉरडॉट ने 24 अक्टूबर को अपना नाम वापस ले लिया था। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी नाम वापस ले लिया । सुनक को करीब 200 सांसदों का समर्थन मिला। इस तरह वे जीत के करीब पहुंचे।
ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने, किंग चार्ल्स ने उन्हें अपॉइंटमेंट लेटर सौंपा।