AutorRTJD बर्फीले गैस दानव Arun and Varun Planets - Incognita Island

  जब भी अंतरिक्ष की बात की जाती है तो सर्वप्रथम हमारे ध्येय में सौरमंडल के 8 गृह का विचार आता ही है । आए भी क्यों नही हमने इनके बारे में बचप...

बर्फीले गैस दानव Arun and Varun Planets

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जब भी अंतरिक्ष की बात की जाती है तो सर्वप्रथम हमारे ध्येय में सौरमंडल के 8 गृह का विचार आता ही है । आए भी क्यों नही हमने इनके बारे में बचपन से लेकर आज तक कुछ न कुछ जानते रहे है । मगर इनके बारे में जीतनी जानकारी मिले हमारे अंदर उतनी ही और उत्सुकता बड़ जाती है । हमने अभी तक सौरमंडल के गृह के बारे में जितनी जानकारी हासिल की है वो पूर्ण जानकारी नहीं है । इनमे से कुछ गृह ऐसे भी है जहा पर वैज्ञानिकों का पहुंचना भी असंभव है । अब आप समझ ही गए होंगे मैं किन गृहों की बात कर रहा हूं । इनको सौरमंडल के '  जुड़वा गृह 'और  ' बर्फीले गैस दानव ' आदि नामो से जाना जाता है । जी हां , आज हम बात करेंगे अरुण और वरुण गृहों के बारे में । यू तो इन गृहों के बारे में हमने काफी कुछ सुना हुआ है मगर इनकी यह जानकारी पर्याप्त नहीं है । समय - समय पर इनके रहस्यों से पर्दा उठता जाता है और हमे नई - नई बातो का खुलासा होता जाता हैं । 


अरुण ~ URANUS


हमारे सौरमंडल में सूर्य के इस आठ अनूठो के समूह में यह  सातवें नंबर का सदस्य है जिसे अंग्रेजी में यूरेनस कहते है । बाकी गृहों की तुलना में अरुण का तापमान बहुत ही कम है , सूर्य से दूर स्थिति के कारण ही इसका वातावरण इतना ठंडा है । अरुण का न्यूनतम तापमान  -49 Kelvin  केल्विन आका गया है जिसका °c में -244° सेंटीग्रेड होता है । इतने कम तापमान में किसी भी जीवाणु या विषाणु का सक्रिय रहना मुश्किल हो जाता है । पृथ्वी की तुलना में यह बहुत कम घना है जिस कारण से इसका घनत्व बहुत कम है क्योंकि अरुण पर गैसीय कणों की अधिकता पाई जाती है । अरुण गृह की खोज 13 मार्च 1781 में में एक खगोलशास्त्री विलियम हरशेल ने की थी । सौरमंडल में हमारी पृथ्वी से दूर होने के बावजूद इसे नंगी आंखो द्वारा भी देखा जा सकता है । हालाकि बिना दूरबीन से देखने पर यह एक तारे के समीप टिमटिमाता दिखाई देता है ।  यही कारण से प्राचीन समय में भी विद्वानों ने इसे टिमटिमाता बड़ा तारा ही समझते थे और इसको गृहों की सूची में शामिल नहीं करे थे ।  

अरुण से सम्बंधित जानकारी 

★ खोजकर्ता -   विलियम हरसोनेल [3 मार्च 1781]

★ उपनाम    -    युरानीयन

★ उपग्रह   -       27 

★ द्रव्यमान  -      8.681×10 ^ 25 किलोग्राम

★ परिक्रमण-      30,799 दिन / एक परिक्रमण सूर्य का 


सौरमंडल के चारो गृहों को गैसीय दानवों का दर्जा दिया गया है जिसमे से अरुण और वरुण दो मुख्य गृह माने जाते है । ये मिट्टी और पत्थर के न बने होकर गैसीय कणों के बने होते है और ये आकर में विशाल होने के कारण भद्दे दिखाई देते है जिस वजह से इनको दानव गृह कहा जाने लगा । इनकी वास्तविक सरंचना तो सीमित होती है मगर गैसीय आवरण या वलय काम ज्यादा होता रहता है । शनि और बृहस्पति की तुलना में अरुण और वरुण गृहों पर बर्फ की मात्रा काफी अधिक है साथ ही अमोनिया और मेथेन गैस की बर्फ भी मौजूद है । 


वरुण ~ NEPTUNE 


वरुण गृह जिसे अंग्रेजी में NEPTUNE PLANET भी कहा जाता है । सौरमंडल के आठ गृहों की श्रृंखला में सबसे आखरी गृह है वरुण , इसे सौरमंडल का सबसे ठंडा गृह भी कहा जाता है । एक ओसत तापमान भी इस गृह पर -214 °C होता है इसका तापमान स्थिर नहीं रहता है । 

वरुण ग्रह से सम्बंधित जानकारी 

★ खोजकर्ता - अर्बेन ले. वैरियर [23 सितम्बर 18]

★ उपनाम - नेप्टियन

★उपग्रह - 11

★ द्रव्यमान - 1.024× 10 वर्ग 26 किलोग्राम

★ परिक्रमण-   60,190 दिन और 3 घंटे 

पृथ्वी से कई प्रकाश वर्ष दूर स्थित होने के कारण इसे नंगी आंखो द्वारा देख पाना संभव नहीं है । इसकी सरंचना अरुण गृह से मिलती-जुलती है इसलिए दोनो में काफी समानताएं भी है । वरुण गृह सभी गृहों की तुलना में बहुत हल्का और कम घना है क्योंकि यह पूरी तरह गैसो से बना हुआ है और इसका यह आवरण हीलियम हाइड्रोजन और मैथन से ही निर्मित है । और मैथन गैस की अधिकता के चलते NEPTUNE PLANET गहरा नीले रंग का दिखाई देता है । इसका रंग समुद्र जैसा होने के कारण इसका नामकरण भी समुद्र के रोमन देवता के नाम पर हुआ है । सौरमंडल के आखरी क्षोर पर होने के कारण सूर्य का पैसिव फोर्स कम होता है इस पर इस वजह से यह बहुत तेज गति से घूमता है । इसकी तेज गति से घूमने के कारण वरुण गृह पर बहुत तेज हवाएं और ठंडे हवा के झोके चलते रहते है । वरुण गृह पर एक घना धब्बा है काले रंग जो हमारी पृथ्वी उतना बड़ा है जिसे  ' द ग्रेट डार्क स्पॉट ' ( The great dark spot ) नाम दिया गया है । जो अरुण गृह को और भी अन्य गृह से अलग  बना देता है । नेपच्यून गृह पर भी शनि गृह की तरह वलय ( Rings ) स्थित है मगर ये वलय इतने हल्के और बारीक है की इनको देख पाना मुश्किल होता है ।  ये वलय मुख्य रूप से  बर्फ के कणों  ( ice particle ) और कार्बन पदार्थ  ( carbon substances ) से निर्मित है । 





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