AutorRTJD जीपीएस तकनीक - GPS technology kya hai - Incognita Island

 टेक्नोलॉजी आधुनिक जगत की रीड की हड्डी ( Backbone ) हैं तो इंटरनेट इसका हृदय हैं । टेक्नोलॉजी नितांत इंप्रूव होती जा रहीं है और नए - नए फीचर...

जीपीएस तकनीक - GPS technology kya hai

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 टेक्नोलॉजी आधुनिक जगत की रीड की हड्डी ( Backbone ) हैं तो इंटरनेट इसका हृदय हैं । टेक्नोलॉजी नितांत इंप्रूव होती जा रहीं है और नए - नए फीचर्स अपडेट हो रहे है । Google का एक बहुत ही खास फीचर है GPS तकनीक ।  हम जब भी कोई सॉफ्टवेयर को ओपन करते है तो हमे  लोकेशन की अनुमति देने के लिए GPS SYSTEM को ऑन करना पड़ता है । ये GPS SYSTEM हर एक मोबाइल , लैपटॉप और कंप्यूटर में उपलब्ध होता है । आइए अब हम इस GPS तकनीक को जानते है और हमारे जीवन में इसकी भूमिका को देखते है ।


GPS क्या होता हैं ? 

GPS का फुल फॉर्म है Global Positioning System ( वैश्विक स्थिति प्रणाली ) होता हैं । GPS एक Global Navigation satellite ( वैश्विक पथ प्रदर्शन उपग्रह ) सिस्टम है । जो किसी भी जगह की स्थिति का लोकेशन बताता है । 


इस GPS का इस्तेमाल सर्वप्रथम सन् 1960 में अमेरिकी Defence Department ( रक्षा विभाग ) ने किया था ।  शुरुवाती दिनों में इस तकनीकी का प्रयोग मिलिट्री और आर्मी में किया जाता था बाद में GPS सार्वत्रिक रूप से किया जाने लगा ।  GPS का कनेक्शन सीधा सैटेलाइट से जुड़ा होता है जो वहा से सिग्नल भेजता रहता है और इन सिग्नल को रिसीव करने के लिए उपकरण बनाए जाते है । हम जो सेल फोन इस्तेमाल करते है वहा जो सिग्नल आता वो 4 से 5 सैटेलाइट की सहायता से आता  है । और इसी कारण हम किसी भी नेटवर्क यूजर का लोकेशन इतनी आसानी से लगा  पाते है । GPS एक इंटरनल सिस्टम है जिसकी लिंक सैटेलाइट में इंस्टॉल्ड होने के माध्यम से हम लोकेशन देख पाते है । इसके अलावा GPS से हम दुरी ( Distance ) , गति ( Speed ) और मानचित्र ( Map ) भी प्रदान करता है । 



GPS की कार्य प्रणाली ~

जेसे की मैं पहले ही बता चुका हूँ GPS एक Internal System हैं जो रिसिवर ओर सॅटॅलाइट के बीच एक माध्यम के रूप में कार्य करता हैं । जब सॅटॅलाइट कोई सिग्नल भेजता हैं तो मोबाइल रिसीवर का काम करता है । हर वो मोबाइल जिसमे नेटवर्क आता है वो किसी नजदीकी सॅटॅलाइट से जुड़ा हुआ होता है और जब हमारे मोबाइल में सिग्नल आत्ता है तो वो हमारे मोबाइल की लोकेशन ओर अन्य जानकारियां सॅटॅलाइट को दे देता है । GPS का ज़्यादातर उपयोग ट्रांस्पोर्टिसम की दुनिया मे होता हैं । यात्रि अपन रास्ता ढूंढने ओर किसी टूर पॉइंट का पता आदि GPS की सहायता से कर पाते है । जब कोई ड्राइवर अपना रास्ता भटक जाता है तो वो सबसे पहले मोबाइल निकालकर गूगल पर या मैप में जाकर अपना लोकेशन देखता है । मैप Google का ही एक हिस्सा है जो GPS का इस्तेमाल कर लोकेशन्स बताता रहता है । सॅटॅलाइट किसी जगह को बार बार सर्च करने पर उसका लॉकेशन सेव कर लेता है और उसकी स्थिति को मुख्य स्पॉट बना देता है । किसी एक ही जगह से जितने अधिक GPS ऑन किये जाते है लॉकेशन मिलते है वहां सॅटॅलाइट उपग्रडेशन का काम अधिक करता है । मैप पर जो लाइव पिक्चर दिखाई देती है वो असल मे live या stream न होकर नविगटेड 3D Visualization का कमाल होता है । 





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