AutorRTJD Tin Name wala shahar। Ek Shahar ke Tin Name by Incognita Island । - Incognita Island

  आपने कभी किसी गाँव या शहर के दो नाम सुने है ? सुने है ना , मगर आज हम ऐसे अनोखे शहर के बारे में बात कर रहे है जिसके तीन नाम है । सुनने में ...

Tin Name wala shahar। Ek Shahar ke Tin Name by Incognita Island ।

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आपने कभी किसी गाँव या शहर के दो नाम सुने है ? सुने है ना , मगर आज हम ऐसे अनोखे शहर के बारे में बात कर रहे है जिसके तीन नाम है । सुनने में बहुत अजीब लग रहा है न जब मैंने भी पहली बार इस शहर के बारे में सुना था तब मेरी भी यही दशा थी । भारत को अजूबों का देश कहा जाता है और मैं इस बात से पूर्ण सहमत हूं । क्योंकि आज हम भारत के झारखंड के एक ऐसे ही शहर की बात कर रहे है जो अपने तीन अलग - अलग नामो से जाना जाता है । आपने जमशेदपुर का नाम तो सुना ही होंगा , हाँ वही जमशेदपुर जहा पर भारत के मार्वल उद्योगपति रतन टाटा जी की स्टील फैक्ट्रीया स्थित है । यहां पर लौह-इस्पात की देश मे पहली फैक्ट्री बनाई गई थी ।  जब आप जमशेदपुर शहर घूमने के लिए जाओंगे तो आपको पता चलेगा कि इस नाम का स्टेशन वहा है ही नही । आप जिस रेल्वे स्टेशन पर उतरोगे उसका नाम ' टाटानगर ' होंगा । पड़ गए न आश्चर्य में ? मगर आप जैसे ही स्टेशन से निकलकर ऑटो पकड़ कर शहर के अंदर जाएंगे तो अपने आपको जमशेदपुर में पाएंगे । 

टाटा नगर रेलवे-स्टेशन

असल मे इस स्टेशन का नाम स्टील फैक्ट्री की प्रसिद्धि में टाटानगर पड़ गया है । उससे पहले जमशेदपुर का नाम साकची हुआ करता था । ये बात है सन 1907 में जब जमशेदजी नोशैरवानजी टाटा जी ने देश मे पहला स्टील प्लांट स्थापित किया था । तब से 150 परिवारों के इस छोटे गांव का नाम साकची से बदलकर ' जमशेदपुर 'रख दिया गया । इस टाटा स्टील के प्लांट के बनने से देश अब आत्मनिर्भर लौह - इस्पात उत्पादक देश बन गया था इसके अलावा भारत अन्य देशों में स्टील का निर्यात भी करने लगा था । इस उपलब्धि से देश की आर्थिक व्यवस्था में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई और देखते -देखते जमशेदपुर वीश्व प्रसिद्ध हो गया । फिर इसे भारत की रीढ़ की हड्डी माना जाने लगा और इसको ' मिनी इण्डिया ' के नाम की भी उपाधी प्राप्त हो गई है ।

टाटा स्टील प्लांट

इसके अलावा इस शहर की  खूबसूरती बिमिसाल है जो पर्यटकों को आकर्षित कर लेती है । यहां पर सभी धर्मों की मान्यता रखी गई है , सभी तरह के मंदिर , गिरजाघर , गुरुद्वारा ,  फादर टेम्पल , मस्जिद आदि उपस्थित है । यहाँ हिन्दू , सिख , इस्लामी , जैनी , क्रिस्चियन सभी बिना भेदभावक किये भाइचारे के साथ रहते हैं । इसी तरह की धर्मो के अद्भुत संगम स्थली शायद ही कही पर मौजूद होंगी । इसके अलावा इस शहर में तीन  बाजार भी लगते है जिनमे सबसे बड़ा बाजार साकची का बाजार होता है जहाँ पर दुनिया भर की बेशकीमती और बहुमुल्य वस्तुए मिलती हैं । बिष्टुपुर का बाजार में साधरण पहनावे और खाने - पीने की चीजें मिलती है जिनका मूल्य दूसरे बाजार की तुलना में थोड़ा ऊचा  होता है क्योंकि यहाँ रईसों का आव - जाव बना रहता है । इतना सब देखने के बाद जमशेदपुर की फेमस फालूदा कुल्फी के स्वाद से इस शहर की मिठास और  भी बढ़ जाती है । 

मशहूर बाजार

जूलोजिकल पार्क , डालमा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी , जुबली पार्क , जयंती सरोवर , टाटा स्टील प्लांट , सूर्य मंदिर इस शहर के मुख्य आकर्षण बिंदु है जिनकी मनमोहकता देख नजरे नही हटती है । वाकई में यह शहर अद्भुत है जिस कारण लोग इसके तारीफों के पुल बांधते नही थकते है । इसके तीन नाम होना भी यही दर्शाता है कि इस शहर को जीतने नाम दे उतने काम है । 

शहर के मुख्य आकर्षण स्थल -

जुबली पार्क
जमशेदपुर का मशहूर जुबली पार्क अपने गुम्बज और इसकी खूबसूरत भरे दृश्यों के कारण काफी प्रचलित है । इसका निर्माण टाटा स्टील द्वारा ही किया गया है । सन 1937 में श्री एस . लेक्स्टर की मौजूदगी में इसका खूबसूरत डिज़ाइन तैयार किया गया था । यह पूरा पार्क 500 एकड़ के क्षेत्रफ़ल में फैला हुआ है और हर वर्ष 3 मार्च को यहाँ  भव्य उत्सत्व का आयोजन किया जाता है जिसको देखने के लिए भारी मात्रा में विदेश से भी पर्यटक आते है । 

सूर्य मंदिर
सूर्य मंदिर का स्वामी विधायक सरयू राय है , इस मंदिर के पृष्ठ में 5 घोड़ो का रथ है जो इस मंदिर की सौन्दर्यता बढ़ाता है । यह मंदिर गोलचक्कर बस स्टैंड से 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहाँ पहँचने के लिए लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है । 

जे. आर. डी. स्पोर्ट स्टेडियम
जे. आर. डी. यानी जहाँगीर रतन दादा जी ने इस स्पोर्ट स्टेडियम का निर्माण करवाया है । इस स्टेडियम का उद्घाटन 1991 इसके स्वामी टाटा जी के मौजूदगी में किया गया था उस समय इसको बनाने की लागत  40 करोड़ रूपया थी । 

जयंती सरोवर
इस सरोवर को बेहद की खूबसूरत ढंग से सजाया गया है और इस पर अय्याशी की सारी सुविधाएं उपलब्ध है । जयंती सरोवर जमशेदपुर के नजदीक ही उपस्थित है जहाँ खासकर बोटिंग की जाती है । इसके अलावा इस तालाब पर आइलैंड भी बनाया गया जिस पर हॉलिडे मनाने लोग आते रहते है । यह सरोवर लगभग 40 एकड़ के बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है ।

डिमना लेक
जमशेदपुर से 13 किलो मीटर की दूरी तय करने के पश्चात डिमना झील जिसे स्वर्ग कहना गलत नही होंगा मौजूद है । यह वन्य जीव अभ्यारण के नजदीक में ही उपस्थित । जिस पर नवंबर से फरवरी के बीच घूमने के उत्तम समय माना जाता हैं । 
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