AutorRTJD 🌀 Typhoon kya hai - What is it Hurricane Cyclone and Thunderstorm - Incognita Island

  टाइफून , भवंडर या चक्रवात और ट्रॉपिकल स्टॉर्म : समुद्रीय सतह (surface) पर तीव्रता (intensity) से तापमान (temperature) की आवर्ती ( frequenc...

🌀 Typhoon kya hai - What is it Hurricane Cyclone and Thunderstorm

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 टाइफून , भवंडर या चक्रवात और ट्रॉपिकल स्टॉर्म :


समुद्रीय सतह (surface) पर तीव्रता (intensity) से तापमान (temperature) की आवर्ती ( frequency) में आए परिवर्तन से उत्पन्न आकस्मिक तूफान या आंधी को टाइफून का नाम दिया गया है । इसे क्षेत्र और भाषा के अनुसार अलग - अलग नाम से पहचाना जाता है । ट्रॉपिकल स्टॉर्म , चक्रवात ,भवंडर एक ही परिस्थिति के पहलू है जो समूद्र में असंतुलन के कारण जन्म लेते है । 



टाइफून को उसकी प्रबलता के आधार पर श्रेणियों में रखा जाता है और इनको एक विशेष नाम भी दे दिया जाता है । एशिया में टाइफून को ट्रॉपिकल साइक्लोन ( Tropical Cyclone ) के नाम और प्रशांत क्षेत्र में हरिकेन ( Hurricane )  से भी जाना जाता है । एक अवलोकन के अनुसार टाइफून बरसात ऋतु यानी जून से नवंबर के बीच अधिकतम आता है बाकी समय में इसकी सक्रियता बहुत धीमी और दुर्बल होती है ।  पिछले गत दिनों में टाइफून हेशेन से जापान को भारी मात्रा में जनहानि का नुकसान झेलना पड़ा था । उससे पहले टाइफून मायसक के आने से कोरियाई समद्रीय तटो पर भड़कम मैच गई और काफी लोगो की जाने भी चली गई थी उस दौरान । ज्यादातर टाइफून चीन ( China ) , फिलिंपिस ( Philippines ) , जापान ( Japan ) इन तीन देशों में अक्सर सक्रिय रहते है ।  


टाइफून हैशेंन 


टाइफून हैशेंन का अर्थ होता है ' समुद्रीय देवता ' या समुद्र का रखवाला जो बहुत ही विनाशकारी होता है । इनकी तिव्रता को इनकी हवा की गति के आधार पर इनको 1 से 5 तक को रेटिंग देते है । टाइफून हैशेंन की हवाओ की गति 230 से 250 तक होती है जिस कारण इसे श्रेणी 4 में रखा गया है । इतनी तेज हवाओं की चपेट में समुद्र की बड़ी - बड़ी चट्टाने भी आजाति है । इसने अभी तक अधिक आबादी वाले क्षेत्र में नही पहुंचा है अन्यथा यह पूरे शहर को कुछ ही मिनटों में तबाह करने की क्षमता रखता है । 


टाइफून मायसक 


टाइफून मायसक को श्रेणी 2 में रखा गया है क्योंकि इसकी ओसत गति 165 किलोमटर के आस पास होती है । यह कोरियाई द्विप से टकराया था जहा पर बड़े तादात में जनहानि को क्षति पहुंची थी । इसकी चपेट में कई समुद्री जीव और वनस्पति भी आकर नष्ट हो गए थे। 


ये टाइफून और समुद्रीय घटनाएं होती भले ही भयानक और नुकसानदायक मगर इनका समय - समय पर होना भी जरूरी होता है यह कुदरत का नियम है । इनकी भव्यता कभी - कभी हमारा ध्यान आकर्षित कर लेती है ये उतनी लाजवाब भी होती है । मौसम और जलवायु के अनुपात में उच्च - नीच हो जाने के पश्चात् इनका आगमन सुनिश्चित होता है जिसकी सूचना मौसम विभाग द्वारा दी जाती है फिर भी जनहानि होती है । इसमें कसूर कुदरत का नही इंसान की लापरवाही और गैर जिम्मेदारगी को दोष देना चाहिए । अगर समुद्र में ये हवाओ की आंधी या तूफान न हुआ था समुद्र की आंतरिक परिचलन क्रिया प्रभावित होसकती जिसके और भी बड़े भयानक अंजाम हो सकते है । 

समुद्रीय तरेंगे

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